Grab the widget  Get Widgets

hind story

Grab the widget  Get Widgets

h ado

yl

ity

गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

चूत की सफाई और चुदाई

मेरा नाम मेहराना है। अभी मेरी उम्र 24 साल की है। अभी तक अविवाहित हूँ लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मेरी चूत भी कुंवारी है। यह तो बहुत पहले ही चुद चुकी।

तब मैं पढ़ती थी। उस दिन घर में मेरी अम्मा भी नहीं थी। मैं और मेरा भाई जो मुझसे 5 साल छोटा था घर पर अकेले थे। उस दिन स्कूल की छुट्टी थी। इसलिए मैं घर के काम कर रही थी। मेरा छोटा भाई पड़ोस में खेलने चला गया था। मैं बाथरूम में नहाने चली गई। अपने सारे कपड़े मैंने हॉल में ही छोड़ दिए और नंगी ही बाथरूम में चली गई, क्योंकि घर में तो कोई था नहीं इसलिए किसी के देखने का कोई भय भी नहीं था।

बाथरूम में आराम से मैं अपनी चूत को सहलाने लगी, सहलाते सहलाते अपने चूत में उंगली डाल ली। पूरी उंगली अन्दर चली गई। बड़ा ही मज़ा आया। अन्दर चूत में उंगली का स्पर्श साफ़ महसूस हो रहा था। मैं अपनी उंगली को चूत में घुमाने लगी।

मुझे लगा कि शायद चूत में अभी भी बहुत जगह इसमें खाली है, मैंने बाथरूम में रखा हुआ पुराना टूथब्रुश लिया और उलटे सिरे से पकड़ कर अपनी बुर में डाल लिया। मैं नीचे जमीन पर बैठ गई और अपनी दोनों टांगों को पूरी तरह फैला दिया। इससे मुझे अपने बुर में ब्रश डालने में काफी आसानी हुई। अब मुझे बहुत ही मज़ा आने लगा। इतना मज़ा आ रहा था कि पेशाब निकलने लगा। करीब आधे घंटे तक मैंने अपने चूत में कभी शेम्पू तो कभी नारियल तेल डाल डाल कर मज़ा लेती रही। और ब्रश से चूत की सफाई भी करती रही। थोड़ी देर के बाद मैं नहा कर वापस अपने कमरे में आ गई।

कुछ देर के बाद मेरा छोटा भाई भी बाहर से आ गया।

उसी शाम में मेरी अम्मा के दूर के रिश्ते में भाई लगने वाले एक रिश्तेदार मेरे यहाँ आ धमका। उसकी उम्र रही होगी कोई 20-21 साल की। उनको मेरी अम्मा से कुछ काम था। लेकिन अम्मा तो अगले दिन शाम में आने वाली थी। मैंने अम्मा को फोन करके उसके बारे में बताया तो अम्मा बोली- आज रात को उसे अपने घर में ही रुकने के लिए बाहरी कमरा दे देना।

रात को खाना पीना खाकर सभी चुपचाप सो गए। रात 11 बजे मुझे पेशाब लग गया। मैं बाथरूम गई तो मुझे फिर से वही सुबह में चूत में ब्रश डालने वाली घटना याद आ गई। मुझे फिर से अपनी बुर में ब्रश डालने का मन करने लगा।

मैंने अपने सारे कपड़े खोल कर अपने बुर में ब्रश डाल कर मज़े लेने लगी।

मुझे अपने बाथरूम का दरवाजा बंद करने का भी याद नहीं रहा। मैं दीवार की तरफ मुँह करके अपनी चूत में ब्रुश डाल कर मज़े ले रही थी।

तभी पीछे से आवाज आई- यह क्या कर रही हो मेहराना?

यह सुन कर मैं चौंक गई। मैंने पलट कर देखा तो मेरा मामू मसूद ठीक मेरे पीछे खड़ा था। वो सिर्फ एक तौलिया पहने हुए था।

मैंने कहा- आप यहाँ क्या कर रहे हैं मामू जान?

वो बोला- मुझे पिशाब लगा था इसलिए मैं यहाँ आया था तो देखा कि तुम कुछ कर रही हो।

मैं अब क्या कहूँ, क्या नहीं, हड़बड़ी में मैंने कह दिया- देखते नहीं, ये साफ़ कर रही हूँ। इसकी सफाई भी तो जरूरी है न? वैसे तुम यहाँ पिशाब करने आये हो ना तो करो और जाओ।

उसने कहा- मैं तो यहाँ पिशाब करने आया था।

मैंने कहा- ठीक है, तुम तब तक पिशाब करो, मैं अपना काम कर रही हूँ।

दरअसल मैं उसकी लंड देखना चाहती थी। सोच रही थी कि जब इसने मेरा चूत देख ली है तो मैं भी इसके लंड को देख कर हिसाब बराबर कर लूँ।

मसूद- तुम यहीं रहोगी?

मैंने कहा- हाँ। तुम्हें इस से क्या? ये मेरा घर है, मैं कहीं भी रहूँ।

उसने कहा- ठीक है।

और उसने अपना तौलिया खोल दिया और पूरी तरह से नंगा हो गया। मुझे सिर्फ उसकी लंड देखना था। उसका लंड मेरे अनुमान से कहीं बड़ा और मोटा था। उसकी लंड किसी मोटे सांप की तरह झूल रहा था। वो मेरे सामने ही कमोड पर बैठ गया। उसने अपने लंड को पकड़ा और उससे पेशाब करने लगा। यह देख मैं बहुत आश्चर्यचकित थी कि इतने मोटे लंड से कितना पिशाब निकलता है? पिशाब करने के बाद उसने अपने लंड को झाड़ा और सहलाने लगा।

उसने कहा- तुम अपनी चूत की सफाई ब्रश से करती हो?

मैंने कहा- हाँ !

उसने कहा- क्या तुम अपनी चूत के बाल भी साफ़ करती हो?

मैंने कहा- चूत के बाल? मेरे चूत में बाल तो नहीं हैं।

उसने कहा- चूत के अन्दर नहीं चूत के ऊपर बाल होते हैं, जैसे मेरे लंड के ऊपर बाल है ना उसी तरह।

कह कर वो अपने लंड के बालों को खींचने लगा।

मैंने पूछा- तुम्हारे लंड पर ये बाल कैसे हो गए हैं?

वो बोला- जब तुम बड़ी हो जाओगी तो तुम्हारे चूत पर भी बाल हो जायेंगे।

मैंने कहा- तुम्हारा लंड तो इतना बड़ा है कि लटक रहा है। क्या मेरा बुर भी बड़ा होने पर इतना ही बड़ा और लटकने लगेगा?

वो हंस के बोला- अरे नहीं पगली, भला बुर भी कहीं लटकता है? हाँ वो कुछ बड़ा हो जायेगा।

फिर बोला- तुम एक जादू देखोगी? अगर तुम मेरे इस लंड को छुओगी तो यह कैसे और भी बड़ा और खड़ा हो जाएगा।

मुझे बहुत ही आश्चर्य हुआ।

मैंने कहा- ठीक है, दिखाओ जादू !

वो कमोड पर से उठ गया और मेरे पास आ गया, उसने अपने लंड को अपने हाथों से पकड़ कर कहा- अब इसको छुओ।

मैंने उसके लंड को पकड़ लिया। ऐसा लग रहा था कि कोई गरम सांप पकड़ लिया हो।

उसने मेरे हाथ को अपने हाथ से दबाया और अपने लंड को घिसवाने लगा। थोड़ी ही देर में मैंने देखा कि उसकी लंड सांप से किसी लकड़ी के टुकड़े जैसा बड़ा हो गया, एकदम कड़ा और बड़ा। उसे बड़ा ही आनन्द आ रहा था। उसने अचानक मेरा हाथ छोड़ दिया। लेकिन मैं उसके लंड को घसती ही रही। थोड़ी देर में देखा उसके लंड से चिपचिपा सा पानी निकल रहा था जो शेम्पू की तरह था, वो कराहने लगा।

मैंने कहा- ये क्या है?

वो बोला- हाय मेहराना, ये लंड का पानी है। बड़ा ही मज़ा आता है। तू भी अपने चूत से ऐसा ही पानी निकालेगी तो तुझे भी बड़ा मज़ा आयेगा।

मैंने कहा- लेकिन कैसे?

वो बोला- आ इधर मैं तुझे बता देता हूँ।

मैंने कहा- ठीक है, बता दो।

उसने मुझे कमोड पर बैठा दिया और मेरी दोनों टांगों को फैला दिया। वो मेरी बुर को अपने मुँह से चूसने लगा। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था। उसने मेरी बुर में अपनी जीभ डाल दी। मेरे से रहा नहीं गया और मेरी बुर से पिशाब निकलने लगा। लेकिन वो हटा नहीं और पेशाब पीने लगा। मैं तो एकदम पागल सी हो गई। वो मेरी निप्पल को ऐसे मसल रहा था लगा मानो वो मेरी चूची मसल रहा है। पेशाब हो जाने के बाद भी वो मेरी बुर को चूसता रहा।

फिर अचानक बोला- आ नीचे लेट जा।

मैंने कहा- क्यों मामू?

वो बोला- अरे आ ना ! तुझे और मस्ती करना बताता हूँ।

मैं चुपचाप बाथरूम के फर्श पर लेट गई। उसने मेरे दोनों पैरों को उठा कर अपने कंधे पर रख दिया और मेरी बुर में उंगली डाल कर घुमाने लगा। मुझे मज़ा आ रहा था।

वो बोला- अरे, तेरी बुर तो बहुत बड़ी है। इसे ब्रश से थोड़े ही साफ़ किया जाता है, आ इसकी मैं सफाई अपने लंड से कर देता हूँ।

मैंने कहा- अच्छा मामू, लेकिन ठीक से करना।

मामू ने कहा- हाँ मेहराना, देखना कैसी सफाई करता हूँ।

उसने बगल से नारियल तेल लिया और मेरे चूत के अन्दर उड़ेल कर उंगली डाल कर मेरी चूत की मुठ मारने लगा।

मस्ती के मारे मेरी तो आँखें बंद थी। उसने पहले एक उंगली डाली, फिर दो और फिर तीन उंगली डाल कर मेरी चूत को चौड़ा कर दिया। थोड़ी ही देर में उसने मेरी चूत के छेद पर अपना लंड रखा और अन्दर घुसाने की कोशिश करने लगा।

मुझे हल्का सा दर्द हुआ तो मैं कराह उठी।

वो रुक गया और बोला- क्या हुआ मेहराना?

मैंने कहा- तेरा लंड बहुत बड़ा है। यह मेरी बुर में नहीं घुसेगा।

वो बोला- रुक जा मेहराना। तू घबरा मत। बस मेरे लंड को देखती रह।

हालांकि मेरी हिम्मत नहीं थी कि इतने मोटे लंड को अपनी बुर में घुसवा लूं लेकिन मैं भी मज़े लेना चाहती थी। इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा।

अब उसने मेरी बुर के छेद पर अपना लंड रखा और धीरे धीरे रुक रुक कर अपने लंड को मेरी बुर में घुसाने लगा। मुझे थोड़ा दर्द तो हो रहा था लेकिन तेल की वजह से ज्यादा दर्द नहीं हुआ। उसने पूरा लंड मेरी बुर में डाल दिया। मुझे बहुत आश्चर्य हो रहा था कि इतना मोटा और बड़ा लंड मेरी छोटी सी बुर में कैसे चला गया।

वो मेरी बुर में अपना लंड डाल कर थोड़ी देर रुका रहा, फिर बोला- दर्द तो नहीं कर रहा ना?

मैंने कहा- थोड़ा थोड़ा !

फिर उसने थोड़ा सा लंड बाहर निकाला और फिर धीरे से अन्दर कर दिया। मुझे मज़ा आने लगा। वो धीरे धीरे यही प्रक्रिया कई बार करता रहा। अब मुझे दर्द नहीं कर रहा था। थोड़ी देर के बाद वो अचानक मेरी बुर को जोर जोर से धक्के मारने लगा।

मैंने पूछा- ये क्या कर रहे हो?

वो बोले- तेरी बुर की सफाई कर रहा हूँ।

मुझे आश्चर्य हुआ- अच्छा ! तो इसको सफाई कहते हैं?

वो बोला- हाँ मेरी जान। यह चूत की सफाई भी है और चुदाई भी।

मैंने कहा- तो क्या तुम मुझे चोद रहे हो?

वो बोला- हाँ, कैसा लग रहा है?

मैंने कहा- अच्छा लग रहा है।

वो बोला- पहले किसी को चुदवाते हुए देखा है?

मैंने कहा- देखा तो नहीं है लेकिन अपनी सीनियर लड़कियों के बारे में सुना है कि वो अपने दोस्तों से चुदवाती हैं। तभी से मेरा मन भी कर रहा था कि मैं भी चुदवा लूं। लेकिन मुझे पता ही नहीं था कि कैसे चुदवाऊँ?

वो बोला- अब पता चल गया ना?

मैंने कहा- हाँ मामू।

थोड़ी देर में उसने मुझे कस के अपनी बाहों में पकड़ लिया और अपनी आँखें बंद कर के कराहने लगा। मुझे अपने चूत में गरम गरम सा कुछ महसूस हो रहा था।

मैंने पूछा- क्या हुआ मामू? मेरे चूत में गरम सा क्या निकाला आपने?

वो बोला- कुछ नहीं मेरी जान । वो मेरे लंड से माल निकल गया है।

थोड़ी देर में उसने मेरे चूत से से अपना लंड निकाला और खड़ा हो गया। मैंने अपने चूत की तरफ देखा कि इससे खून निकल रहा था।मैं काफी डर गई और मामू को बोली- मामू, ये खून जैसा क्या निकल गया मेरे चूत से?

हालांकि वो जानता था कि मेरी चूत की झिल्ली फट गई है लेकिन उसने झूठ का कहा- अरे कुछ नहीं। ये तो मेरा माल है। जब पहली बार कोई लड़की चुदवाती है तो उसके चूत में माल जा कर लाल हो जाता है। आ इसे साफ़ कर देता हूँ।

मैं थोड़ा निश्चिंत हो गई।

फिर हम दोनों ने एक साथ स्नान किया। उसने मुझे अच्छी तरह से पूरा नहला-धुला कर सब साफ़ कर दिया और फिर हम दोनों अपने अपने कपड़े पहन कर अपने अपने कमरे में चले गए।

सुबह जब मेरा छोटा भाई स्कूल चला गया तो मैं उसे चाय देने गई।

उसने मुझसे कहा- कैसी हो मेहराना?

मैंने कहा- ठीक ही हूँ।

उसने कहा- तेरी चूत में दर्द तो नही है ना?

मैंने कहा- दर्द तो है लेकिन हल्का हल्का। कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना मामू?

मामू ने कहा- अरे नहीं पगली। पहली बार तूने अपने चूत में लंड लिया था न इसलिए ऐसा लग रहा है। और देख, किसी को कल रात के बारे में मत बताना। नहीं तो तुझे सब गन्दी लड़की कहेंगे।

मैंने कहा- ठीक है, लेकिन एक शर्त है।

वो बोला- क्या?

मैंने कहा- एक बार फिर से मेरी बुर की सफाई करो लेकिन इस बार बाथरूम में नहीं बल्कि इसी कमरे में।

वो बोला- ठीक है आ जा।

और मैंने उसके कमरे का दरवाजा लगा कर फिर से अपनी चूत चुदवाई। वो भी दो बार ! वो भी बिल्कुल फ्री में।

दोपहर में अम्मा आ गई। अम्मा के आने के बाद भी वो मेरे यहाँ अगले पांच दिन जमा रहा। इस पांच दिन में मैंने आठ बार अपनी चूत उससे साफ़ करवाई।

इसके बाद न जाने कितने मर्दों के लंड को अपने चूत और गांड में डाल चुकी हूँ मुझे अब याद भी नहीं।

mehrana4lund@gmail.com
sexygirl4uonly16@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

ch 1

ch 1