Grab the widget  Get Widgets

hind story

Grab the widget  Get Widgets

h ado

yl

ity

बुधवार, 30 जनवरी 2013

i love you this night ,मैं तुम्हारी हूँ आज रात

मेरा नाम मोहित है और एल.एल.बी फ़ाइनल में पढ़ता हूँ। बात कुछ समय पहले की है जब मेरे पड़ोसी, जिन्हें मैं चाचा चाची कहता था, की लड़की रूचि ने मेरे ही कॉलेज में इ.सी.इ के पहले साल में प्रवेश लिया। वो बहुत ही सेक्सी है, कद 5'3" फिगर 30-28-32 होगा। हम कॉलेज में कभी कभी मिलते और कोई ख़ास बात न होती। मेरे मन मे कोई गलत ख्याल नहीं था।

एक दिन चाचा-चाची को कुछ दिनों के लिए भर जाना था तो वो रूचि को हमारे यहाँ छोड़ गए ताकि उसकी पढ़ाई खराब न हो। जब वो हमारे घर आई तो बहुत ही कयामत लग रही थी, उसने काले रंग की कसी लैगिंग और कुरता पहन रखा था। मैं तो उसे देखता ही रह गया।

वो एकदम बोली- क्या पहले कभी मुझे नहीं देखा? फिर मैं शरमाकर अपने कमरे में चला गया कुछ देर बाद उसकी मम्मी उसे छोड़ कर चली गई।

हमारे बीच पहले दिन तो कुछ ख़ास बातें नहीं हुई, दूसरे दिन हम इकट्ठे कॉलेज गए और लंच भी साथ में किया और शाम को इकट्ठे घर आ गए।

उस दिन शाम को हम इधर उधर की बातें कर रहे थे कि रूचि अचानक बोल पड़ी- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या? मैंने ना में सर हिला दिया तो बोली- एल.एल.बी में 3 साल हो गए और अभी तक कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? मेरे मुँह से पता नहीं कैसे निकल गया- तुम्हारे जैसी कोई मिली नहीं ! तो वो बोली- तो यह बात है बच्चू ! तभी मम्मी ने मुझे बुला लिया और मैं बाज़ार चला गया।

रात को सब बैठकर मूवी देख रहे थे, सर्दी होने के कारण सब रजाई में थे, मैं और रूचि एक ही रजाई में थे, उसने केप्री पहन रखी थी, मेरा पैर उसकी टांगों से छू गया, फिर मैं जानबूझकर पैरो से रूचि की टांगें सहलाने लगा, उसकी तरफ देखा तो वो आराम से टी.वी देख रही थी।

फिर मैंने अपना हाथ उसकी जांघों पर रख दिया और सहलाने लगा। उसकी तरफ देखा तो वो लगातार मुस्कराते हुए टी.वी देख रही थी। इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई, मैं अपना हाथ ऊपर ले गया, उसकी चूत के आसपास दबाने और सहलाने लगा। फिर जब मैं उसकी केप्री के अन्दर हाथ डालने लगा तो वो धीरे से बोली- यह नो एंट्री है ! मैंने उससे कहा- नो एंट्री है तो जुरमाना ले लो। वो बोली- कहाँ है जुरमाना?

मैंने अपना लंड निकाल कर उसके हाथ में पकड़ा दिया। पहले तो उसने एकदम छोड़ दिया फिर पकड़ कर बोली- जुरमाना तो काफी बड़ा है।

तो मैंने कहा- अब नो एंट्री में जाने दो।

मैं फिर मैं हाथ अंदर डालने लगा तो हाथ अंदर नहीं जा रहा था। उसने मेरा हाथ अंदर डालने में आगे पीछे होकर मदद की और मैं उसे सहलाने लगा जिससे उसकी सांसें तेज हो गई और चूत गीली।

फिर मैंने अपना लंड अपने कपड़ों के अंदर किया और उठ कर बोला- मैंने यह मूवी देखी हुई है, मैं सोने जा रहा हूँ और उसे कहा- रूचि की बच्ची, मेरी रजाई दे। उसने दो मिनट लगा दिए रजाई देने में ! मुझे पता था वो अपने कपड़े सही कर रही थी। जाते हुए उसे मैं कह गया- रात को कमरे में आ जाना अगर जुरमाना चाहिए तो ! उसने मना कर दिया और मैं कमरे में आ गया।

फिर मैं उसकी प्रतीक्षा करने लगा और पता नहीं कब मुझे नींद आ गई। फिर आधी रात के बाद मेरे कमरे का दरवाजा खुला और बंद होने की आवाज से मेरी नींद खुल गई।

मैंने देखा तो रूचि खड़ी थी और मुस्कुरा रही थी। मैं भी उसे देख कर मुस्कुराने लगा। वो मेरे पास आकर बैठ गई तो मैं बोला- तुमने तो मना किया था?

रूचि- मना तो किया था पर सोचा जब इतना बड़ा जुरमाना दे रहे हो तो तुम्हें नो एंट्री में जाने देना चाहिए। मैंने उसे लेटाया और उसके होंठ चूसने लगा। क्या रसीले होंठ थे उसके ! वो गर्म होने लगी थी।

मैंने अपना हाथ उसके टॉप में डाला, वाह ! क्या मस्त चूचियाँ थी उसकी !मैं उन्हें दबाने लगा तो उसने कहा- धीरे, आराम से ! आज रात मैं तुम्हारी हूँ।

मैं उसके होंठ चूसने लगा और अपनी जीभ उसके मुख में डल दी। फिर मैंने उसका टॉप भी उतार दिया, उसने ब्रा नहीं पहनी थी, मैं उसके मम्मे चूसने लगा, एक हाथ से दबाने लगा तो दूसरा चूसने लगा। रूचि सिसकारियाँ ले रही थी और बोल रही थी- जोर से ! जोर से मेरे राजा !

मैं बीच बीच में उसकी चूचियाँ काट भी लेता था। फिर मैंने उसकी केप्री भी उतार दी। उसने काले रंग की पेंटी पहन रखी थी, वो और भी सुन्दर लग रही थी।

फिर मैंने उसकी चूत को ऊपर से दबाना शुरू कर दिया, वो सिसकारियाँ लेने लगी। फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी और उसकी चूत पर जैसे ही जीभ लगाई, वो उछल पड़ी। फिर मैंने उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया। अपनी पैंट और अण्डरवीयर निकाल कर उससे लंड चूसने के लिए कहा। वो भूखी शेरनी की तरह मेरा लण्ड चूसने लगी।

हम 69 की अवस्था में आ गए, मैं उसकी चूत चूस रहा था, वो मेरा लंड ! कुछ देर बाद वो झर गई, मैं उसका सारा पानी चाट गया। फिर वो बोली- और मत तड़पाओ, अब चोद दो मुझे !

मैंने भी सही मौका देखते हुए उसकी टांगें चौड़ी की, उसकी चूत पर लंड रख कर दबाव बनाया तो वो बोली- दर्द हो रहा है।मैंने देखा कि वो अभी तक कुंवारी थी।

मैंने धीरे धीरे जोर बढ़ाया, उसके मुँह पर अपना मुँह रख दिया और एक जोर का धक्का मार दिया जिससे उसकी चीख निकल गई पर मुँह में दबी रह गई।

मेरा आधा लंड उसकी चूत में जा चुका था, रूचि मुझसे कहने लगी- बाहर निकालो ! दर्द हो रहा है। मैंने कहा- पहली बार होता है, मैं अपनी प्यारी रूचि को प्यार से चोदूँगा, अभी दर्द है, फिर कुछ देर बाद मज़ा ही मज़ा !रूचि मना करने लगी पर मैंने मुँह पर मुँह रख एक और शॉट मार दिया जिससे उसकी आँखों में आंसू आ गए, वो रोने लगी।

मेरा लंड तब तक पूरा अन्दर तक जा चुका था और रूचि की चूत से खून निकल रहा था। कुछ देर फिर मैं उसे चूमता रहा और उसके मम्मे चूसत रहा। कुछ देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो वो अपनी कमर हिलाने लगी।

मैंने भी उसे चोदना शुरू कर दिया वो सिसकारियाँ ले रही थी और मुझे बोल रही थी- बेनचोद ने आज फाड़ ही दी मेरी चूत ! ये भी तो साली कब से चुदने तो मचल रही थी ! बुझा दे मेरे राजा आज इसकी प्यास ! बहुत तंग किया है साली ने।

मैं भी बोल रहा था- साली रांड ! आज तेरी माँ चोद दूँगा, बार बार चुदने मेरे पास आयेगी कुतिया !

कुछ देर बाद वो बोली- मैं तो गई रे !

मैंने भी तेज तेज शोट लगाने शुरू कर दिए, मैं भी झरने वाला था, मैंने पूछा- कहा डालूँ?

वो बोली- चूत में मत डालना, मुँह में डालो।

मैंने लंड चूत से निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया और झटके लगाने लगा और उसके मुँह में झर गया।

कुछ देर फिर हम पड़े रहे फिर उसने अपने कपड़े पहने, वो जाने लगी तो उससे चला भी नहीं जा रहा था।

फिर मैंने उससे दर्द की गोली दी और उसे उसके बिस्तर पर लिटा आया।

फिर तो जब भी हमें मौका मिलता है, हम चुदाई कर लेते हैं।

3 टिप्‍पणियां:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

ch 1

ch 1